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झांसी : भाजपा ज़िलाध्यक्ष ने अटल बिहारी बाजपेई की पुण्यतिथि पर ये सुलूक किया

तारीख 16 अगस्त 2024, भारत और भारतीय जनता पार्टी के इतिहास की वह तिथि, जिस दिन देश ने अपने एक महान योद्धा को खोया था, इस दिन पूरा देश और पूरी भाजपा शोक में डूब जाती है, भारत के बहुमूल्य रत्न अटल जी की याद में जगह जगह शोकसभाएं आयोजित की जाती हैं, राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक और भाजपा के छोटे से कार्यकर्त्ता से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, लेकिन भाजपा के गढ़ झांसी में भाजपा के जिलाध्यक्ष ने भारत और भाजपा के योद्धा की पुण्यतिथि पर जो कुछ भी किया, उसकी चर्चा शहर के चौक चौराहों से लेकर गली कूंचो तक चल पड़ी है, और लोग अब इसे नई भाजपा का नाम दे रहे हैं, जिलाध्यक्ष द्वारा पार्टी के पुरोधा की पुण्यतिथि पर किये गए इस कृत्य और उसके बाद भाजपा के शीर्ष नेताओं की लगातार चुप्पी से पूरी भाजपा की अटल से श्रद्धा पर सवाल खड़े हो रहे हैं, कि क्या वाकई जिलाध्यक्ष अटल से बड़े हो गए हैं, या फिर भाजपा के शीर्ष पदों पर बैठे नेता भी संवेदशीलता खो चुके है. 
दबाव या लालच में यह ख़बरें भले ही मीडिया की सुर्खिया न बन पाई हों, लेकिन बिपक्ष ने स्थानीय स्तर पर इसको खूब हवा दी. जिससे बुद्धिजीवी वर्ग इस घटना से आहत नजर आया और भाजपा के वरिष्ठ जन पार्टी की साख बचाने में जुटे हुए हैं. 
भाजपा यदि जांच कराएगी तो पता चलेगा कि इस दिन पार्टी के जिला कार्यालय में न तो अटल को याद किया गया और न ही किसी ने दो पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की. क्योंकि सुबह ही जिलाध्यक्ष अपनी पूरी पलटन लेकर पर्यटन का केंद्र बन चुके सुकवा ढुकवा डेम निकल पड़े थे, और इसकी जानकारी बड़े बजन के साथ उस क्षेत्र के कार्यकर्ताओं बुलाया गया. मेनेजमेंट टीम ने डीजे का इंतजाम किया और यहाँ स्थित गेस्ट हाउस से 3 किलो मीटर पहले से ही डीजे बजना शुरू हो गया, जिलाध्यक्ष जैसे ही यहाँ पहुंचे आम दिनों की तरह उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया. इसके बाद आगे आगे डीजे, पीछे पीछे कार्यकर्त्ता और फिर जिलाध्यक्ष जी का काफिला गेस्ट हाउस की तरफ आगे बड़ा, बताया गया कि सैकड़ों कार्यकर्ताओं को वन विहार कार्यक्रम कहकर 250-250 रूपये भी एकत्रित किये गए. गेस्ट हाउस में मनोरंजन हुआ, एंकर आया और गीत गाये गए और इसके बाद वहाँ मौजूद किसी वरिष्ठ कार्यकर्त्ता ने याद दिलाया कि आज अटल जी की पुण्यतिथि है, तो एक अटल जी की एक तश्वीर मगवा कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए. लेकिन चन्द्र मिनटों में फिर गाना बजाना शुरू हुआ और गुब्बारे फूटने लगे. बाद में खाना पीना के साथ ढोल नगाड़ों के साथ जिलाध्यक्ष जी की विदाई की गई. 

जिलाध्यक्ष द्वारा कराये जा रहे इस कृत्य को लोग सोशल प्लेटफोर्म पर बाह्वाही लूटने के लिए live भी कर रहे थे, और इसकी कुछ तश्वीरें और विडियो भी विपक्ष और मीडिया तक जा पहुँचीं, कुछ जगह खबरे प्रकाशित होते ही यह live कार्यक्रम सोशल प्लेटफोर्म से तो डीलेट हो गए लेकिन विपक्ष ने इसे खूब प्रचारित किया. अब चौक चौराहों पर इसकी चर्चा चल रही है, और भाजपा के गढ़ में नइ भाजपा गढ़ी जा रही है.
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