मऊरानीपुर(झांसी) नगर पालिका अध्यक्ष पद के मतदान की तारीख की उल्टी गिनती शुरू होते ही भाजपा और संघ के एक के बाद एक दिगज्ज चेहरे निर्दलीय प्रत्याशी शशि देवी श्रीवास के समर्थन में मैदान में उतरते जा रहे है। वहीं समाज बाद पार्टी से तीन व एक बार गुड्डा गुडिया सहित चार बार अध्यक्ष रहे हरिश्चंद आर्य और उनके समर्थकों के माथे पर सिलवट साफ दिखती प्रतीत हो रही है।आम मतदाता जनता जिस तरह चुप्पी साधे है वह वोट की चोट में 13 मई तय करेगी।बीते दिन एक चैनल की डिबेट जो मेला ग्राउंड पर हुई उसने तो होश उड़ा कर रख दिए। नगर की पब्लिक ने जिस तरह नारे बाजी की व हरिश्चंद समर्थक प्रवक्ता ने तो सारी हद पार करते हुए उन्हें एडवांस में दस हजार वोट से जीता बताकर हैरत में डाल दिया इन्होंने डिबेट में साफ कहा कि वह हरिश्चंद आर्य की तरफ से प्रवक्ता बनकर आए है यह सच हे या झूठ।फिलहाल समाजवादी पार्टी की ओर से चांद राइन ने जो कहा यदि वह सही है तो ऐसे में प्रत्याशी राकेश श्रीवास को मिलने वाले वोटों का पचास फीसदी नुकसान हरिश्चंद आर्य को हो रहा है,सामान्य वोट की बात करे तो पिछली बार सामान्य सीट से दावेदारी कर जीत हासिल करना अलग बात थी लेकिन सामान्य सीट पर हरिश्चंद्र आर्य को चुनाव छोड़ देना चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया। हालांकि हरिश्चंद आर्य अपनी जीत से सुनिश्चित लग रहे हे यह उनके चेहरे की चमक बता रही है।इनके साथ इनकी भाभी व विधायक डा रश्मि आर्य, बड़े भाई कोरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू सेठ,जिला पंचायत सदस्य हेमंत सेठ है। यहा यह बता देना लाजमी है कि कल तक कन्नी काट रहा स्युंक्त विपछी गठबंधन जिसमे भाजपा व संघ के दिग्गज चेहरे शुमार है वह भी आयुष श्री वास के समर्थन में घरों से निकल कर खुलेआम गदा चुनाव चिन्ह के लिए वोट मांग रहे है जिसकी जहां जैसी पकड वह वैसा काम कर रहा है यदि इसके बाद भी परिवर्तन की लहर नही चली और पांचवी बार हरिश्चंद आर्य जीतते है तो इसके आगे की राजनीति का भविष्य मऊ का आर्य परिवार का होगा इसमें कोई दो राय नही। जहा तक गत चार बार की बात है तो पिछले चुनाव में हरिश्चंद आर्य सबसे कम साढ़े पांच हजार वोटों से विजय हुए।इससे पूर्व उनकी हर जीत एतहासिक रही।चार बार में तीन बार सपा से एक बार उनकी धर्म पत्नी चुनाव चिन्ह गुड्डा गुड़ियां से जीत चुकी है।इस बार आर्य परिवार ने नगर की राजनीति की बागडोर विरासत में अपने वार्ड से माता जी की जगह पुत्र वरूण को उतार कर नए सियासी संकेत दिए है।सामान्य सीट पर जीत हासिल कर इतिहास रच चुके हरिश्चंद आर्य क्या इतिहास को आगे बडा पाएंगे क्या उनका राजनेतिक तिलिस्म बरकरार रहेगा यह आने वाला कल बताएगा।
क्या आर्य परिवार का तिलिस्म बरकरार रहेगा --?*
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अप्रैल 29, 2023
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