मऊरानीपुर।झांसी। रबी की फसलों मैं भारी नुकसान को लेकर मऊरानीपुर के गांव वीरा में किसान कांग्रेस के बैनर तले किसान पंचायत करके किसानों की पीड़ा सुनी गई पंचायत में किसानों ने आरोप लगाया खेतों में कोई भी अधिकारी सर्वे करने के लिए नहीं गया मनमर्जी तरीके से सर्वे किया गया पंचायत में किसानों ने अपनी अपनी पीड़ा रखते हुए बताया लगातार दो दिन के बीच चलने वाली हवाओं के चलते बेमौसम बारिश के साथ ओले भी गिरे थे इसके चलते खेत में खड़ी गेहूं जवा चना मटर की फसलें तबाह हो गई जिससे हमारी महंगी लागत मेहनत सब बर्बाद हो गई गांव वीरा के किसानों ने बताया फसलों को भारी नुकसान हुआ है जिस का आकलन करना मुश्किल हो रहा है। वीरा निवासी 20 बीघा के किसान गौरी शंकर नायक ने बताया ओले बारिश के चलते फसलों को 50% नुकसान हुआ है खेतों में कोई भी लेखपाल अधिकारी नहीं पहुंचा है मेहनत लागत डूब गई।
किसान चुन्नीलाल कुशवाहा ने बताया साहब 25 बीघा खेती है उसमें गेहूं चना मटर राई बोई थी बेमौसम बारिश ओलावृष्टि ने अरमानों पर पानी फेर दिया बड़ा नुकसान हो गया कोई अधिकारी भी नहीं पहुंचा सर्वे करने के लिए किस का दरवाजा खटखटाया जाए।
वीरा के किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया 25 बीघा में चना मसूर गेहूं की फसल बोई थी ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है इस महंगाई के जमाने में खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है लागत बढ़ गई है ऊपर से प्राकृतिक आपदा ने कमर तोड़ दी। किसानों की पीड़ा सुनते हुए यूपी किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह ने कहा बेमौसम बारिश ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का जायजा लेने के लिए लेखपाल एवं राजस्व कर्मी खेतों में नहीं गए मनमर्जी से अधिकांश आंकड़े भर दिए गए हैं इस वजह से नुकसान का वास्तविक आकलन नहीं हो सका सही आकलन करे तो किसानों को भारी क्षति हुई है किसानों की फसलों का सही सर्वे नहीं किया गया समय पर मुआवजा बीमा क्लेम नहीं दिया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
पंचायत में बृज कुमार पाल ने बताया कंजा चितावात से लेकर बख्तर तक आने-जाने के लिए रोड जर्जर है उखड़ा पड़ा हुआ है कई वर्षों से टूटा पड़ा हुआ है आने जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है कभी-कभी तो एक्सीडेंट हो जाता है कई लोग घायल भी हो जाते हैं इस रोड को तत्काल बनवाया जाए साथ में गांव वीरा के अंदर उखड़ा पड़ा रोड उसको भी बनाया जाए।
किसान पंचायत में प्रमुख रूप से गौरी शंकर नायक बृज कुमार पाल प्यारेलाल बेधड़क ठाकुर वीरेंद्र सिंह टिंकू शर्मा शेखर राज बडोनिया जुगल कुशवाहा राजाराम पूर्व प्रधान दशरथ कुशवाहा पूर्व प्रधान जमुना रायकवार जगदीश कुशवाहा परमलाल सेन चुन्नी लाल कुशवाहा मिथलेश नायक मोहन कुशवाहा राहुल अहिरवार लालचंद रिछारिया ठाकुर दास कुशवाहा आसाराम पाल राम प्रसाद पाल रहमान खान सुलेमान खान दलपत पाल शंकर कुशवाहा रामाधीन कुशवाहा ब्रजकिशोर वीरपाल रामपाल राहुल रिछारिया हर्ष रिछारिया रामचंद्र बुड़िया हरीश चंद्र मिश्रा बिहारी सिंह तोमर रामाधार निषाद चेनु कुशवाहा मुकेश कुशवाहा सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।